चल पडी है कश्तीयां समंदर, दूर है किनारा

चल पडी है कश्तीयां समंदर, दूर है किनारा
इन मौजों से पूछ लेना क्या हाल है हमारा ?
अब हवाऐं करेंगी रोशनी का फ़ैसला,
जिस दिये में जान होगी, वो दिया रह जायेगा ॥

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