फरेबी भी हू, जिद्दी भी हू लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप अक्तूबर 09, 2015 फरेबी भी हू, जिद्दी भी हू और पत्थर दिल भी हू मासूमियत खो दी है मैंने वफा करते करते लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ
चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है, अक्तूबर 09, 2015 चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है, खबर ये आसमाँ के अखबार की है, मैं चलूँ तो मेरे संग कारवाँ चले, बात गुरूर की नहीं, ऐतबार की है...!! और पढ़ें
रूठना मत मुझे मनाना नहीं आता मार्च 12, 2015 रूठना मत मुझे मनाना नहीं आता दूर मत जाना मुझे बुलाना नहीं आता तुम भूल जाओ तुम्हारी मर्ज़ी मगर मैं क्या करूं, मुझे तो भूल जाना भी नहीं आता... और पढ़ें
यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो, मार्च 12, 2015 यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो, प्यार के ज़ख्म अमानत है दिखाया ना करो शहर ऐ एहसार में पत्त्हत बहुत है, दिल को शीहे के झरोंखों मे सजाया ना करो और पढ़ें
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