गर मेरी चाहतों के मुताबिक ज़माने की हर बात होती,

गर मेरी चाहतों के मुताबिक ज़माने की हर बात होती,
तो बस मैं होता..तुम होती..और सारी रात बरसात होती !!

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,