मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला ……

मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला ……
हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला …………..
लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से ……
और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला

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यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो,