याद तेरी आती है क्यो.यू तड़पाती है क्यो? लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप अक्तूबर 15, 2015 याद तेरी आती है क्यो.यू तड़पाती है क्यो? दूर हे जब जाना था.. फिर रूलाती है क्यो? दर्द हुआ है ऐसे, जले पे नमक जैसे. खुद को भी जानता नही, तुझे भूलाऊ कैसे? लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ Unknown1 मार्च 2017 को 11:43 am बजेदिल की बात कही गई है ईस शायरी मेजवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंUnknown1 मार्च 2017 को 11:43 am बजेदिल की बात कही गई है ईस शायरी मेजवाब देंहटाएंउत्तरvsssnegi21 सितंबर 2018 को 12:59 pm बजेसही कहा आपने सर जी..हटाएंउत्तरजवाब देंजवाब देंटिप्पणी जोड़ेंज़्यादा लोड करें... एक टिप्पणी भेजें
चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है, अक्तूबर 09, 2015 चमक सूरज की नहीं मेरे किरदार की है, खबर ये आसमाँ के अखबार की है, मैं चलूँ तो मेरे संग कारवाँ चले, बात गुरूर की नहीं, ऐतबार की है...!! और पढ़ें
रूठना मत मुझे मनाना नहीं आता मार्च 12, 2015 रूठना मत मुझे मनाना नहीं आता दूर मत जाना मुझे बुलाना नहीं आता तुम भूल जाओ तुम्हारी मर्ज़ी मगर मैं क्या करूं, मुझे तो भूल जाना भी नहीं आता... और पढ़ें
यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो, मार्च 12, 2015 यह ज़रूरी नही हर सक्ष्स मशीहा ही हो, प्यार के ज़ख्म अमानत है दिखाया ना करो शहर ऐ एहसार में पत्त्हत बहुत है, दिल को शीहे के झरोंखों मे सजाया ना करो और पढ़ें
दिल की बात कही गई है ईस शायरी मे
जवाब देंहटाएंदिल की बात कही गई है ईस शायरी मे
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने सर जी..
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