मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं

मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं 
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं 
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ 
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू 
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू...

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